मैं भेड़ और तू मेरा चरवाहा (ज़बूर 23)

बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम

मैं भेड़ और तू मेरा चरवाहा

ज़बूर 23

अल्लाह ताअला मेरा चरवाहा[a] है,

इसलिए मेरे पास हर वो चीज़ है जिसकी मुझे ज़रूरत है।(1)

वोमुझे हरयाली में आराम कराता है,

और मुझे उस जगह पर ले कर जाता है जहाँ मैं सुकून से पानी पी सकता हूँ।(2)

वोमेरी रूह को ताज़ा कर देता है,

वो मुझे, अपने नाम की इज़्ज़त के लिए, नेकी के रास्ते पर ले कर जाता है।(3)

अगर मैं चल कर गया, किसी अँधेरी घाटी में से,

मुझे किसी भी चीज़ से डर नहीं लगेगा,

क्यूंकि तू है, मेरे साथ, या अल्लाह रब्बुल अज़ीम।

तेरा चरवाहों वाला डंडा मुझे रास्ता दिखाता है जिससे मुझे सुकून मिलता है।(4)

तूने मुझे अच्छा खाना दिया,

मेरे दुश्मनों के सामने।

तूने अपनी रहमत मेरे ऊपर उंडेल दी;

तूने इतना दिया के मेरे लिए बहुत है।(5)

सच है की तेरी अच्छाई और रहम दिली मेरे साथ सारी उम्र रहेगी

और मैं तेरे घर में हमेशा रहूँगा।(6)