शैतान और उसका लालच (इंजील : मत्ता 4:1-11)

बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम

शैतान और उसका लालच

इंजील : मत्ता 4:1-11

तब रूहुल-क़ुदुस ईसा(अ.स)को रेगिस्तान में ले कर गई ताकि शैतान उनको बहका सके।(1) ईसा(अ.स)ने चालीस दिन और चालीस रात तक खाना नहीं खाया था और उसके बाद उनको बहुत भूख लगी थी।(2) शैतान उनके पास आया ताकि उनको बहका सके। शैतान ने कहा, “अगर तुम अल्लाह के चुने हुए नुमाइंदे हो [मसीहा हो], तो इन पत्थरों से कहो कि रोटी बन जाएं।”(3) ईसा(अ.स)ने जवाब दिया, “किताब-ए-मुक़द्दस में लिखा है, इंसान सिर्फ़ खाने से ज़िंदा नहीं, बल्कि इंसान अल्लाह ताअला के कलाम से ज़िंदा है।”[a](4)

तब शैतान उनके साथ येरूशलम के पाक शहर पहुंचा। शैतान ने उनको एक इबादत ख़ाने की ऊँची जगह पर बहकाने की कोशिश करी।(5) शैतान ने कहा, “अगर तुम मसीहा हो तो नीचे कूद जाओ क्यूँकि ये मुक़द्दस किताब [ज़बूर शरीफ़ ] में लिखा है, ‘उसने तुम्हारी हिफ़ाज़त की ज़िम्मेदारी फ़रिश्तों को दी है। इससे पहले तुम्हारा पैर पत्थर पर टकराए, वो तुमको अपने हाथों से पकड़ लेंगे।’”[b](6)

ईसा(अ.स)ने जवाब दिया, “किताब-ए-मुक़द्दस में ये भी लिखा है कि अल्लाह ताअला का इम्तिहान मत लो।”[c](7)

फिर शैतान उनके साथ एक बहुत ऊँचे पहाड़ पर पहुंचा। उसने उनको दुनिया की सल्तनतों का लालच देने की कोशिश करी।(8) तब शैतान ने उनसे कहा, “अगर तुम मेरी ताज़ीम में अपना सर झुका दोगे तो मैं तुमको ये सारी चीज़ें दे दूँगा।”(9)

ईसा(अ.स)ने शैतान को जवाब दिया, “मेरे पास से चले जाओ, ए शैतान! किताब-ए-मुक़द्दस में ये लिखा है, ‘तुम सिर्फ़ अल्लाह ताअला की इबादत और उसकी ही ख़िदमत करो!’”[d](10)

तब शैतान ईसा(अ.स)को छोड़ कर भाग गया और फिर फ़रिश्ते ईसा(अ.स) की ख़िदमत करने पहुंच गए।(11)