नेक बनो (इंजील : कुलुस्सियों 3:1-17) और पढ़ना नेक बनो (इंजील : कुलुस्सियों 3:1-17) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
किसकी दुआ क़ुबूल हुई (इंजील : लुक़ास 18:9-17) और पढ़ना किसकी दुआ क़ुबूल हुई (इंजील : लुक़ास 18:9-17) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम किसकी दुआ क़ुबूल हुईइंजील : लुक़ास 18:9-17ईसा(अ.स) ने ये वाक़िया उन लोगों को सुनाया जो अपनी बड़ाई करते थे और दूसरों को नीचा समझते थे:(9)
नेक बीबियाँ (इंजील : लुक़ास 1:26-56) और पढ़ना नेक बीबियाँ (इंजील : लुक़ास 1:26-56) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
सबसे बेहतरीन और पाक इबादत (इंजील : याक़ूब 1:1-27) और पढ़ना सबसे बेहतरीन और पाक इबादत (इंजील : याक़ूब 1:1-27) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम सबसे बेहतरीन और पाक इबादतइंजील : याक़ूब 1:1-27जनाब याक़ूब ने, जो अल्लाह रब्बुल अज़ीम और ईसा(अ.स) के ख़िदमतगार थे, पूरी दुनिया में फैले हुए अल्लाह के बन्दों को सलाम कहा।(1) और कहा:
कभी ना ख़त्म होने वाली ज़िंदगी (इंजील : लुक़ास 18:18-27) और पढ़ना कभी ना ख़त्म होने वाली ज़िंदगी (इंजील : लुक़ास 18:18-27) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम कभी ना ख़त्म होने वाली ज़िंदगीइंजील : लुक़ास 18:18-27एक इब्रानी रहनुमा ने ईसा(अ.स) से पूछा, “मेरे अच्छे उस्ताद, मैं ऐसा क्या करूँ कि मुझे कभी ना ख़त्म होने वाले ज़िंदगी हासिल हो?”(18)
फ़सल और मज़दूर (इंजील : लुक़ास 10:1-20) और पढ़ना फ़सल और मज़दूर (इंजील : लुक़ास 10:1-20) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
मैं किस में हूँ (इंजील : यूहन्ना 14:12-31) और पढ़ना मैं किस में हूँ (इंजील : यूहन्ना 14:12-31) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
निजात पाने का आसान तरीक़ा (इंजील : यूहन्ना 3:1-21) और पढ़ना निजात पाने का आसान तरीक़ा (इंजील : यूहन्ना 3:1-21) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम निजात पाने का आसान तरीक़ा इंजील : यूहन्ना 3:1-21
ईसा(अ.स) के शागिर्द (इंजील : मत्ता 4:18-24) और पढ़ना ईसा(अ.स) के शागिर्द (इंजील : मत्ता 4:18-24) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
ईसा(अ.स) की मौत पर क़ुदरत (इंजील : यूहन्ना 11:1-57) और पढ़ना ईसा(अ.स) की मौत पर क़ुदरत (इंजील : यूहन्ना 11:1-57) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम