तौरैत
क्या तुम्हारा रोज़ा क़ुबूल हुआ? (तौरैत : यशायाह 58:1-14)
बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
क्या तुम्हारा रोज़ा क़ुबूल हुआ?
तौरैत : यशायाह 58:1-14
[अल्लाह रब्बुल आलमीन का इरशाद है:]
बुलंद आवाज़ में फ़रियाद करो, जिस तरह से बिगुल से आवाज़ निकलती है।
जितना तेज़ हो सके उतना ज़ोर से फ़रियाद करो।
अल्लाह ताअला की निशानियाँ (तौरैत : हिजरत 4:1-17)
बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
अल्लाह ताअला का वादा (तौरैत : हिजरत 6:1-2, 4-12, 7:1-7)
बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
मूसा(अ.स) ने क़ानून की किताबों को लिख कर पूरा किया (तौरैत : इआदा 31:24-29)
बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम