सच्ची ख़ुशी (ज़बूर 1)

बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम

सच्ची ख़ुशी

ज़बूर 1

वो लोग ख़ुश हैं

जो गुनाहगार लोगों की सलाह को ठुकरा देते हैं,

जो गुनाहगारों की राह पर नहीं चलते,

या उन लोगों को नहीं अपनाते जो अल्लाह ताअला को नहीं मानते।(1)

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