गुनाहगारों की मदद (इंजील : मत्ता 9:1-13, 35-38) और पढ़ना गुनाहगारों की मदद (इंजील : मत्ता 9:1-13, 35-38) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम गुनाहगारों की मदद इंजील : मत्ता 9:1-13, 35-38
“पाक” और “नापाक” में फ़र्क़ (इंजील : मुहाफ़िज़ 7:1-23) और पढ़ना “पाक” और “नापाक” में फ़र्क़ (इंजील : मुहाफ़िज़ 7:1-23) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
कल की फ़िक्र मत करो (इंजील : मत्ता 6:19-34) और पढ़ना कल की फ़िक्र मत करो (इंजील : मत्ता 6:19-34) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
ईसा(अ.स) की आख़िरी दावत (इंजील : मत्ता 26:20-46) और पढ़ना ईसा(अ.स) की आख़िरी दावत (इंजील : मत्ता 26:20-46) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
नेक अमल (इंजील : यूहन्ना 13:1-20) और पढ़ना नेक अमल (इंजील : यूहन्ना 13:1-20) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम
बुराई या अच्छाई (इंजील : यूहन्ना 18:1-40, 19:1-6) और पढ़ना बुराई या अच्छाई (इंजील : यूहन्ना 18:1-40, 19:1-6) के बारे में बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम बुराई या अच्छाईइंजील : यूहन्ना 18:1-40, 19:1-6