नेकी का पेड़ (तौरैत : यशायाह 61 )

बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम

नेकी का पेड़

तौरैत : यशायाह 61

अल्लाह रब्बुल अज़ीम ने अपनी ताक़त मुझ में फूँकी है।

अल्लाह ताअला ने मुझे चुना है

कि मैं परेशान लोगों को अच्छी ख़बर सुनाऊँ।

उसने मुझे टूटे दिल वालों को शिफ़ा देने के लिए भेजा है,

मेरे रब मुझे बदनामी से बचा (ज़बूर 25)

बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम

मेरे रब मुझे बदनामी से बचा

ज़बूर 25

या अल्लाह, मैं अपने आपको तेरे हवाले करता हूँ।(1)

सब्स्क्रृाईब