हमारा पड़ोसी कौन है? (इंजील : लुक़ास 10:25-37)

बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम

हमारा पड़ोसी कौन है?

इंजील : लुक़ास 10:25-37

एक दिन, क़ानून पढ़ाने वाले एक उस्ताद ने ईसा(अ.स) को आज़माने के लिए उनसे पूछा, “मैं ऐसा क्या करूँ कि मुझे कभी ना ख़त्म होने वाली ज़िंदगी मिले?”(25)

सब छोड़ा तो क्या मिला? (इंजील : लुक़ास 18:28-34)

बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम

सब छोड़ा तो क्या मिला?

इंजील : लुक़ास 18:28-34

ईसा(अ.स) के शागिर्द, जिनका नाम जनाब पतरस था, उनसे बोले, “देखिये, हम अपना सब कुछ पीछे छोड़ कर आपके साथ आ गए हैं!”(28)

ख़ैरात, इबादत, और रोज़ा (इंजील : मत्ता 6:1-18)

बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम

ख़ैरात, इबादत, और रोज़ा

इंजील : मत्ता 6:1-18

[ईसा(अ.स) ने मौजूद लोगों को ख़ैरात के बारे में बताया। उन्होंने कहा:]

Subscribe to