ख़ुशमदीद

أعوذُ بِٱللَّهِ مِنَ ٱلشَّيۡطَٰنِ ٱلرَّجِيمِ

بِسْمِ ٱللَّٰهِ ٱلرَّحْمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ

औज़ू बिलही मिनाश शैतान अर-राजिम
बिस्मिल्लाह अर-रहमान अर-रहीम

अल्लाह ने इन्सानों की हिदायत के लिये आसमानी किताबें अपने प्यारे नबियों पर नाज़िल फ़रमाई थीं। हम सब इस बात से वाक़िफ़ हैं कि क़ुरान अल्लाह की भेजी हुई आख़िरी किताब है।

इससे पहले की तीन पाक किताबों में भी क़ुरान की तरह हिदायत भेजी गयी जिसको हर इन्सान के लिये पढ़ना ज़रूरी है।

मुसलमानों के नुक़्ता नज़र से बहुत कम तौरैत, ज़बूर, और इंजील के तर्जुमे मौजूद हैं। इसलिए, इस वेबसाइट पर उन तीनो किताबों की कुछ कुछ आयतों का तर्जुमा क़ुरान की रौशनी में किया गया है।

ये अफ़्सोस की बात है की मुसलमान ने तौरैत, ज़बूर, और इंजील को पढ़ने और सम्झाने की ज़िम्मेदारी सिर्फ़ ईसायों और यहूदियों के हाथ में छोड़ दी है। हमारा इन तर्जुमों को करने का ख़ास मक़्सद ये है कि आसमानी किताबों की हिदायत सब तक पहुंचाई जा सके। इंशाल्लाह हमारी कोशिश ज़रूर कामयाब होगी। आमीन।

निजात पाने का तरीक़ा (इंजील : लुक़ास 19:1-10)
अल्लाह ताअला की सल्तनत की मिसाल (इंजील : मत्ता 20:1-34)
ईसा(अ.स) इबादतगाह में आए (इंजील : मत्ता 21:12-32)
झूठे इलज़ाम और उसकी सज़ा (इंजील : लुक़ास 23:1-56)
क्या हम ईसा(अ.स) को पहचान पाएंगे? (इंजील : लुक़ास 24:1-53)
क़यामत की निशानियां (इंजील : मत्ता 24:1-51)
इन्साफ़ का दिन (इंजील : मत्ता 25:31-46)
ईसा(अ.स) की आख़री दावत (इंजील : मत्ता 26:20-46)
ज़िंदा की तलाश क़ब्र में (इंजील : मत्ता 28:1-10)
मूसा(अ.स) ने क़ानून की किताबों को लिख कर पूरा किया (तौरैत की पांचवी किताब 31:24-29)
दुनिया की खिल्क़त (तौरैत : खिल्क़त 1:1-31, 2:1-3)
पेशनगोई सच हुई (इंजील : शागिर्दों की 'अमाल 1:3-14)
क़यामत से पहले क्या होगा (इंजील : शागिर्दों की 'अमाल 2:1-47)
आदमी, अदन, और औरत (तौरैत : खिल्क़त 2:4-25 )
अल्लाह ताअला ने अपना वादा पूरा किया (इंजील : शागिर्दों की 'अमाल 3:1-16)
निजात पाने का आसान तरीक़ा (इंजील : यूहन्ना 3:1-21 )
शैतान की चालबाज़ी (तौरैत : खिल्क़त 3:1-13)
नाफ़रमानी: अल्लाह ताअला का जवाब: माफ़ी (तौरैत : खिल्क़त 3:14-24)
हाबील और क़ाबील (तौरैत : खिल्क़त 4:1-16)
शागिर्दों पर यहूदियों का ज़ुल्म (इंजील : शागिर्दों की 'अमाल 4:1-35)
ज़िंदा पानी (इंजील : यूहन्ना 4:5-42)
अल्लाह रब्बुल आलमीन से मुहब्बत करो (तौरैत : इआदा 6:1-25)
नूह(अ.स) और उनकी कश्ती (तौरैत : खिल्क़त 6:5-22)
जनाब स्तिफ़नुस की शहादत (इंजील : शागिर्दों की 'अमाल 6:7-15, 7:1-60)
बाढ़ का अज़ाब (तौरैत : खिल्क़त 7:1-24)
प्यार का अहद (तौरैत : इआदा 7:9-12, 8:1-5, 31:24-29)
ज़िंदगी का दरिया (इंजील : यूहन्ना 7:37-39 )
एक नई शुरुआत (तौरैत : खिल्क़त 8:1-22)
माफ़ी (इंजील : यूहन्ना 8:1-12)
अल्लाह ताअला का नूह(अ.स) से वादा (तौरैत : खिल्क़त 9:1-17)
मैं किसका चरवाहा हूँ? (इंजील : यूहन्ना 10:9-10, 14-18, 24-30)
ईसा(अ.स) की मौत पर क़ुदरत (इंजील : यूहन्ना 11:1-57)
इब्राहीम(अ.स) और उनकी क़ौम, नस्लों को बरकत (तौरैत : खिल्क़त 12:1-7)
येरूशलम में तालीम (इंजील : यूहन्ना 12:1-50)
मैं किस में हूँ (इंजील : यूहन्ना 14:12-31)
औलाद का वादा (तौरैत : खिल्क़त 15:1-7, 13-16)
अच्छी फ़सल का ईनाम (इंजील : यूहन्ना 15:1-17)
इस्माईल(अ.स) की पैदाइश (तौरैत : खिल्क़त 16:1-16)
अल्लाह ताअला ने इब्राहीम(अ.स) से एक अहद किया (तौरैत : खिल्क़त 17:1-14)
इस्हाक़(अ.स) की पैदाइश (तौरैत : खिल्क़त 17:15-26; 21:2, 4, 6, 8)
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