ईसा(अ.स) के बारे में अल्लाह ताअला का पैग़ाम (तौरैत : यशायाह 42:1-9)

बिस्मिल्लाह-हिर-रहमानिर-रहीम

ईसा(अ.स) के बारे में अल्लाह ताअला का पैग़ाम

तौरैत : यशायाह 42:1-9

“देखो मेरे ख़ादिम को, जिसकी मैं हिफ़ाज़त करता हूँ।

इसको मैंने चुना है और ये मुझे बहुत ख़ुशी देता है।

मैं उसको अपना नूर दूँगा और वो हर क़ौम में इन्साफ़ क़ायम करेगा।(1)

“वो ना ही दुहाई देगा और ना ही चीख़े चिल्लाएगा।

वो लोगों से बहुत नरमी से पेश आएगा।(2)

वो उन लोगों को भी नहीं मारेगा कि जिनके ईमान मुर्दा हो चुके हैं।

और वो कच्चे ईमान वाले लोगों का भी साथ नहीं छोड़ेगा।

वो हमेशा सच्चाई और इन्साफ़ से फ़ैसला करेगा।(3)

“जब तक वो पूरी दुनिया में अमन और इन्साफ़ क़ायम नहीं कर लेगा,

तब तक वो ना ही हार मानेगा और ना ही अपनी हिम्मत खोएगा।

यहाँ तक कि दूर मुल्कों के लोग भी उसकी बातों पर यक़ीन करेंगे।(4)

“ये सारी बातें वो हैं जो अल्लाह रब्बुल आलमीन ने कहीं हैं,

उसके सिवाय कोई नहीं जिसने आसमान और ज़मीन को बनाया है।

उसने ज़मीन और उसमें उगने वाली चीज़ों को पैदा किया है।

उसी ने ज़मीन पर हर इंसान में जान फूँकी है।

वो ही ज़मीन पर चलने वाली हर चीज़ में जान फूँकता है।”(5)

अल्लाह ताअला ने ये भी कहा है, “मैंने तुमको पाक-ओ-पाकीज़ा भेजा है।

मैं तुम्हारी देखभाल करूँगा।

मैं तुम्हारी हिफ़ाज़त करूँगा।

तुम मेरे उस अहद की निशानी होगे जो मैंने लोगों से किया है।

मैं तुमको सारी क़ौमों के लिए एक रोशनी बनाऊँगा।(6)

“तुम उन लोगों की आँखें खोलोगे जो अंधे हो चुके हैं।

तुम उन लोगों को आज़ाद करोगे जो ग़ुलामी की जंजीरों में जकड़े हुए हैं।

तुम उन लोगों को रास्ता दिखाओगे जो लोग अपने अंदर की अंधेरी जेलों में क़ैद हैं।(7)

“मैं अल्लाह हूँ, यही मेरा नाम है।

मैं अपनी शान-ओ-शौकत किसी और को नहीं दूँगा और

ना ही मैं अपनी तारीफ़ इन बुतों से बाटूँगा।(8)

“देखो! मैंने पहले जो भी कहा था, वैसा ही हुआ!

और अब मैं तुमको वो बताता हूँ,

जो अभी तक नहीं हुआ है।

मैं तुमको ये सब होने से पहले बता देना चाहता हूँ।”(9)