ख़ुशमदीद

أعوذُ بِٱللَّهِ مِنَ ٱلشَّيۡطَٰنِ ٱلرَّجِيمِ

بِسْمِ ٱللَّٰهِ ٱلرَّحْمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ

औज़ू बिलही मिनाश शैतान अर-राजीम
बिस्मिल्लाह अर-रहमान अर-रहीम

अल्लाह ने इन्सानों की हिदायत के लिये आसमानी किताबें अपने प्यारे नबियों पर नाज़िल फ़रमाई थीं। हम सब इस बात से वाक़िफ़ हैं कि क़ुरान अल्लाह की भेजी हुई आख़िरी किताब है।

इससे पहले की तीन पाक किताबों में भी क़ुरान की तरह हिदायत भेजी गयी जिसको हर इन्सान के लिये पढ़ना ज़रूरी है।

मुसलमानों के नुक़्ता नज़र से बहुत कम तौरैत, ज़बूर, और इंजील के तर्जुमे मौजूद हैं। इसलिए, इस वेबसाइट पर उन तीनो किताबों की कुछ कुछ आयतों का तर्जुमा क़ुरान की रौशनी में किया गया है।

ये अफ़्सोस की बात है की मुसलमानों ने तौरैत, ज़बूर, और इंजील को पढ़ने और सम्झाने की ज़िम्मेदारी सिर्फ़ ईसायों और यहूदियों के ऊपर छोड़ दी है। हमारा इन तर्जुमों को करने का ख़ास मक़्सद ये है कि आसमानी किताबों की हिदायत सब तक पहुंचाई जा सके। इंशाल्लाह हमारी कोशिश ज़रूर कामयाब होगी। आमीन।

सच्चा अक़ीदा (इंजील : मुहाफ़िज़ 4:35-41)
बुरी रूहें (इंजील : मुहाफ़िज़ 5:1-20)
“पाक” और “नापाक” में फ़र्क़ (इंजील : मुहाफ़िज़ 7:1-23)
मौत की पेशनगोई (इंजील : मुहाफ़िज़ 8:31-38)
याह्या(अ.स) की पैदाइश का एलान (इंजील : लुक़ास 1:5-25)
नेक बीबियाँ (इंजील : लुक़ास 1:26-56)
याह्या(अ.स) की पैदाइश (इंजील : लुक़ास 1:57-80)
ईसा(अ.स) की पैदाइश (इंजील : लुक़ास 2:1-24)
ईसा(अ.स) ने गुनाहों को माफ़ किया और बीमारों को शिफ़ा दी (इंजील : लुक़ास 5:17-26)
ईसा(अ.स) की तालीम (इंजील : लुक़ास 6:27-49)
रोमी अफ़सर का अक़ीदा (इंजील : लुक़ास 7:1-30)
फ़सल और मज़दूर (इंजील : लुक़ास 10:1-20)
हमारा पड़ोसी कौन है? (इंजील : लुक़ास 10:25-37)
खोई हुई भेड़ और सिक्के की मिसाल (इंजील : लुक़ास 15:1-10)
खोए हुए बेटे की मिसाल (इंजील : लुक़ास 15:11-32)
अल्लाह ताअला की बादशाहत (इंजील : लुक़ास 17:20-36)
एक विधवा औरत (इंजील : लुक़ास 18:1-8)
किसकी दुआ क़ुबूल हुई (इंजील : लुक़ास 18:9-17)
कभी ना ख़त्म होने वाली ज़िंदगी (इंजील : लुक़ास 18:18-27)
सब छोड़ा तो क्या मिला? (इंजील : लुक़ास 18:28-34)
निजात पाने का तरीक़ा (इंजील : लुक़ास 19:1-10)
झूठे इल्ज़ाम और उसकी सज़ा (इंजील : लुक़ास 23:1-56)
क्या हम ईसा(अ.स) को पहचान पाएंगे? (इंजील : लुक़ास 24:1-53)
निजात पाने का आसान तरीक़ा (इंजील : यूहन्ना 3:1-21)
ज़िंदा पानी (इंजील : यूहन्ना 4:5-42)
ज़िंदगी का दरिया (इंजील : यूहन्ना 7:37-39)
माफ़ी (इंजील : यूहन्ना 8:1-12)
ईसा(अ.स) की मौत पर क़ुदरत (इंजील : यूहन्ना 11:1-57)
येरूशलम में तालीम (इंजील : यूहन्ना 12:1-50)
नेक अमल (इंजील : यूहन्ना 13:1-20)
मैं किस में हूँ (इंजील : यूहन्ना 14:12-31)
अच्छी फ़सल का ईनाम (इंजील : यूहन्ना 15:1-17)
बुराई या अच्छाई (इंजील : यूहन्ना 18:1-40, 19:1-6)
मैं किसका चरवाहा हूँ? (इंजील : यूहन्ना 10:9-10, 14-18, 24-30)
पेशनगोई सच हुई (इंजील : शागिर्दों के आमाल 1:3-14)
क़यामत से पहले क्या होगा (इंजील : शागिर्दों के आमाल 2:1-47)
अल्लाह ताअला ने अपना वादा पूरा किया (इंजील : शागिर्दों के आमाल 3:1-16)
शागिर्दों पर यहूदियों का ज़ुल्म (इंजील : शागिर्दों के आमाल 4:1-35)
जनाब स्तिफ़नुस की शहादत (इंजील : शागिर्दों के आमाल 6:7-15, 7:1-60)
माँ-बाप और बच्चों के लिए हुक्म (इंजील : इफ़िसियों 6:1-4)
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